Thursday, April 9, 2009

Tere Sang....

तेरे संग रहन के यह जाना हैं...तेरे बिना जीना कितना बेमाना हैं...

पल.. पल... हर पल.. तेरा अब ख्याल,.. हैं..तेरे से मिलनें को जानें क्यों यह दिल बेकरार हैं...

तेरे ख्यालों.. से अब खुद को घिरा महसूस करता हूँ.. और जान कर अपनें को दोसरों से तनहा किये रखता हूँ...

तेरी हर बात.. तेरे मासूम जज़्बात...तेरा वोह मासूम चेहरा.,.. नज़रून से दूर नहीं होता...

अब तुझ से जुदा रहनें को यह दिल.. मुल्ताज़ा नहीं होता,,
मेरा अकरामो.. में तू हैं.. मेरे हेर बात में तू है...
क्या तुझ को भी लगता हैं.. की मेरी हर सां में तू हैं ... :)

1 comment:

  1. Hmmm..... nice one! :)
    I think Practice does make a Man perfect!

    Keep writing. :)

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